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खण्ड-2

संजय झा मस्तान


ईमेल-एक नमस्ते अभिज्ञात भाई ! सबसे पहले आपको 'मनुष्य और मतस्यकन्या' कहानी के लिए बधाई ! मैंने ये कहानी 'हंस' में पढ़ी ! मुझे बहुत अच्छी लगी ! अभिज्ञात भाई मै आपको ये चिठ्ठी एक बहुत ख़ास वजह से लिख रहा हूँ ! पहले अपने बारे में दो शब्द लिख दूं...मेरा नाम संजय झा है और में एक स्वतंत्र फिल्मकार हूँ ! 'प्राण जाये पर शान न जाये' मेरी पहली फिल्म थी और 'strings - bound by faith' दूसरी ! अभी मैंने राहुल बोस और विनय पाठक के साथ 'मुंबई चकाचक' बनाई है और फिल्म के रिलीज के इंतज़ार में हूँ ! अपनी तीन फिल्मों की यात्रा के बाद मैं अब भी मोर्चे पर डटा हूँ ! 'बम्बइया बाज़ार' में अपने निडर तेवर और प्रयोगशील विषयों की वजह से मुझे अब तक व्यावसायिक सफलता नहीं मिली है ! 'नए सिनेमा' की तलाश में इस मायानगरी में जीवन की मेरी एक लम्बी कहानी है...और संघर्ष जारी है !!! 'मनुष्य और मतस्यकन्या' मुझे बहुत अच्छी लगी, और मैं अपनी नयी फिल्म के लिए ऐसी ही किसी कहानी की तलाश में था.आपकी कहानी में मुझे एक जबरदस्त फिल्म की संभावना दिख रही है ! मुझे इस कहानी का जो absurd जादूई सच है और साथ ही साथ जो यथार्थ है वो बहुत आकर्षक लगा...! अपनी कथानक की विशेष background की वजह से चूँकि ये एक महंगी फिल्म होगी और science का छात्र होने की वजह से इसमें उपयोग होने वाले शोध से भी परिचित हूँ. फिर भी मैं इस कहानी पर फिल्म बनाना चाहूँगा ! ये मेरी एक व्यक्तिगत choice है ! इसके फिल्म की संभावनाओं को तलाशना चाहता हूँ.मुझे आपसे जो मदद चहिये वो हैं - इस कहानी पर काम करने का अधिकार ! अपनी फिल्म की पटकथा इस कहानी के आधार पर लिखना चाहता हूँ ! इसका screenplay बहुत महत्वपूर्ण होगा और उस पर बहुत समय और मेहनत लगेगा...! और ये काम मैं आपसे लिखित अधिकार के बगैर शुरू नहीं कर सकता ! किसी producer या star/actor को pitch करने के लिए पटकथा ही चाहिए ! 'मनुष्य और मतस्यकन्या' कहानी में एक vision देख पा रहा हूँ ! ऐसी कहानी के लिए आपको पुनः बधाई !!! अधिकार के साथ साथ हम एक agreement भी कर लेंगे ! आप जैसा चाहें , कहें ...मैं बहुत उत्साहित हूँ...! अभी मेरे पास कोई producer नहीं है और फिल्म बनाने की यात्रा में मुझे अभी आपकी सहमती की भागेदारी चाहिए...! यह agreement अभी मेरे (पटकथा लेखक और निर्देशक) और आपके ( कहानीकार ) के बीच होगा ! कहानी पर screenplay के बाद आपकी जो शर्तें होंगी वो मुझे सब मंजूर होंगी ! जिसमे आप की कहानी का धनराशी जो आप चाहेंगे होगा और credit etc. ये अग्रीमेंट producer के मिलने और फिल्म बनने से पहले होगा ! अभी फिलहाल मुझे screenplay लिखना है ! आप क्या सोचते हैं ? क्या ये संभव है ? उत्तर की आशा में संजय --------------- ईमेल-2 भाई अभिज्ञात नमस्कार ! सब कुशल मंगल , थोडा समय लगना अनिवार्य है.वैज्ञानिक जांच पड़ताल के साथ साथ कहानी की संभावनाओं पर भी कर रहा हूँ...मुझे पटकथा लिखने से पहले ये सब करना होता है...और इस सब का सरोकार हम दोनों के बीच अग्रीमेंट से है...उम्मीद है आपकी किसी पूर्व निर्धारित योजना पर इन सब प्रक्रियाओं से विलम्ब न हो रहा हो...! मिलने का प्रयास भी रहेगा... संजय ---- वैज्ञानिक जांच पड़ताल के साथ साथ कहानी की संभावनाओं पर भी ** काम कर रहा हूँ... ** काम - typo --- ईमेल-3 अभिज्ञात भाई नमस्कार ! देरी के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ...पर आप के तरफ से भी ठोस कार्य कर रहा हूँ ! आप से हुए पत्राचार के आधार पर काम कर रहा हूँ और मेरे सहयोग के लिए सभी साथ दे रहे हैं... बहुत जल्द आपके समक्ष सारे अनुबंध ले आऊँगा ! उम्मीद है आप को मान्य होगा...इसलिए देर हो रही है ! आपके तरफ से ही मैंने 'Film Writers Assosiation' से भी संपर्क किया है ! मैं भी एक लेखक हूँ और लेखाकिए अधिकार की रक्षा मेरे भी सरोकार हैं ! सिनेमाई लेखन के शिक्षक और प्रसिद्द सिने लेखक अंजुम रजब अली काफी सहयोग कर रहे हैं ! शेष सब कुशल है ! चार दिन के लिए गया प्रवास पर हूँ ...एक अन्य प्रजेक्ट का root area research hai ! जल्द ही... संजय -----

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